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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं, मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें राहत इंदौरी की शायरी पढ़कर युवाओं में उर्दू साहित्य को लेकर एक समझ पैदा होगी, जो उन्हें उर्दू साहित्य की खूबसूरती से रूबरू https://youtu.be/Lug0ffByUck

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